Sunday, March 9, 2014

फागुनक रंग

रंग फागुन के चढ़लय नगरिया मे।
लोक  गाबय  जोगीरा देहरिया मे।
रंग फागुन के ------------

भैया  केँ  भोरे  सँ  भाँगे  के  ताल  छै,
तामस सँ भौजीक आँखि दुनू लाल छै,
खसलय सड़क दुपहरिया मे।
रंग फागुन के ------------

लाल  कियो  हरियर  कियो  छै कारी,
फाटल छै कुरता आ भीजल छै साड़ी,
तैयो घुमय सब बजरिया मे।
रंग फागुन के ------------

फागुन   सुमन   छी  प्रेमक  निशानी,
बुढ़िया  आ  बुढ़बो  के  देखू  जवनी,
कोना सुतल छै इजोरिया मे?
रंग फागुन के ------------