लोक अप्पन रहय वा कि अदना रहय
हुनक मन मे, सदरिखन सपना रहय
लोक बुझय कियै, मोल मरले के बाद
छोड़ि देलक जे, दुनिया वो गहना रहय
पैघ केँ मान दैत बात खुलिकय करू
मुदा बाजू उचित, जे भी कहना रहय
माय - बापो तऽ, जीबैत भगवान छी
नाम हुनके जपू, जिनक जपना रहय
हो उचित आचरण, छी सभा मे सुमन
चाहे बैसी ओतय, वा कि उठना रहय
हुनक मन मे, सदरिखन सपना रहय
लोक बुझय कियै, मोल मरले के बाद
छोड़ि देलक जे, दुनिया वो गहना रहय
पैघ केँ मान दैत बात खुलिकय करू
मुदा बाजू उचित, जे भी कहना रहय
माय - बापो तऽ, जीबैत भगवान छी
नाम हुनके जपू, जिनक जपना रहय
हो उचित आचरण, छी सभा मे सुमन
चाहे बैसी ओतय, वा कि उठना रहय
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