बात जौं मोन के नहि केलहुँ, तऽ फेर की केलहुँ?
प्रीत केर दीप नहि जरेलहुँ, तऽ फेर की केलहुँ?
कतेको लोक खसैत भेटत, रोज दुनिया मे
एको टा लोक नहि उठेलहुँ, तऽ फेर की केलहुँ?
लगल छी जोड़ घटावे मे, हम भरि जिनगी
अपन हिसाब नहि लगेलहुँ, तऽ फेर की केलहुँ?
ज्ञान, धन खूब बढ़ेलहुँ हम गाम सँ बाहर
गाम पर ध्यान नहि लगेलहुँ, तऽ फेर की केलहुँ?
सुनय छै आब कहाँ कियो, सब बाजय छै
सुमन केँ गीत नहि सुनेलहुँ, तऽ फेर की केलहुँ?