Thursday, April 4, 2024

कान मे फुसिये फुसकय लोक

खटगर कखनहुँ मीठगर बोली
मुदा लगत नहि तीतगर बौली
परिजन पर अधिकार प्रेमवश 
बजैत रहय छी दीदगर बोली

          छोट, पैघ सभहक मकान छै 
          जेहेन सोच, तेहने दुकान छै
          बेसी लोक भेटत एहने जे 
          अपने सँ घोषित महान छै 

पेटक कारण गाम छुटि गेल
लीची, जामुन,आम छुटि गेल 
साहित्यिक - सेवा सँ जुड़लहुँ
अपन पुरनका नाम छुटि गेल

          बैसल - बैसल भकसय लोक 
          काज देखिकय घसकय लोक 
          नीक बात केर कम्मे चरचा 
          कान मे फुसिये फुसकय लोक 

कड़ुआ बोल सटीक लगैया 
उचित बात सब ठीक लगैया 
जे अधलाहा सेहो छी हमरे 
बात सुमन केर नीक लगैया 

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