हम जिनगी सँ तखन सिखय छी
दुख के जहर जखन पीबय छी
जोड़य छी हर साल उमर केँ
साँस चलैया, बस जीबय छी
आँगुर थामि चलेलहुँ जिनका
हुनके पाछां आब चलय छी
अलग सोच सब नवतुरिया के
व्यर्थे ओकरा पर बिदकय छी
प्रेम परस्पर हो परिजन मे
ओहने पथ केँ हम चुनय छी
की सम्भव सब मोन मुताबिक
हम तैयो नहि माथ धुनय छी
सुमन हाल सब बूझि सूझिकय
समुचित रस्ता हम बदलय छी
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