Wednesday, August 27, 2025

कलम केँ बनकी लगायब न

जिनगी मे कतबो कड़की, कलम केँ बनकी लगायब न!
 कतबो कियो दियै घुड़की, कलम केँ बनकी लगायब न!!

मुँह देखि कोनाकय करबय प्रशंसा?
कमजोर लोक केर केहेन अनुशंसा?
भले बूढ़ कियो जवनकी, कलम केँ बनकी लगायब न!
जिनगी मे कतबो -----

जयकारा फुसियौंका कोना लगायब? 
मुखिया केर सोझाँ मे प्रश्नों उठायब।
डर सँ कोना घर - घुसकी, कलम कें बनकी लगायब न!
जिनगी मे कतबो -----

किछु कवि घूमि-घूमि पैसा कमाबय।
अहाँ घर बैसल छी माथा भुकाबय।
व्यंग केलनि सुमन सुनरकी, कलम केँ बनकी लगायब न!
जिनगी मे कतबो -----

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