कतेक जग मे अनाथ, अहाँ केलहुँ सनाथ।
मोन जिनकर छै भोला, हुनक भोलेनाथ।।
बुद्धि जेहेन साधन ओहेन करी पूजा।
कंकड़ केँ शंकर बनायत के दूजा?
दीन - दुखी हम सब अहाँ दीनानाथ।।
मोन जिनकर -----
श्रद्धा सभक अपन अपन - अपन देवा।
जिनकर कियो नहि हुनक महादेवा।
गरदनि मे नाग केर जगह नागनाथ।।
मोन जिनकर -----
कालकूट पीबि अहाँ दुनिया बचेलहुँ।
शम्भू - कृपा लय हम सुमन चढ़ेलहु।
गौरी केर पूजन केलहुँ गौरीनाथ।।
मोन जिनकर -----
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