पहिने मिथिला रहय महान।
लिखल गेल बहुते श्रीमान।
मुदा एखुनका बदहाली केँ, भाय - बहिन लिखबय कहिया?
अध-नीना मे व्यर्थ पड़ल छी, आब कहू जगबय कहिया??
रेल सड़क बिजली रोजगारक, केहेन हाल अछि मिथिला मे?
विद्यालय अछि खस्ता ओहने, अस्पताल अछि मिथिला मे।
काल-खण्ड जे अहाँ के सोझाँ, ओकर सत्य कहबय कहिया?
अध-नीना व्यर्थ -----
रोजी - रोटी पहिल जरूरत, ओहि कारण सँ गाम छुटल।
युग - प्रभाव सँ ओहिठां बसलहुँ, अपन गाम सँ नाम छुटल।
नगर - शहर मे भेटत मिथिला, कहू गाम बसबय कहिया?
अध-नीना मे व्यर्थ -----
जे भी अनुभव अहाँ के अप्पन, लेखन मे स्थान दियौ।
कटु सत्य केँ करू उजागर, छूटय किछु नहि ध्यान दियौ।
झाँपू नहिं सच केँ बलजोरी, आब सुमन बजबय कहिया?
अध-नीना मे व्यर्थ -----
No comments:
Post a Comment