Wednesday, September 3, 2014

नमन हे पावन मिथिला देश

भाषा, बोली सब किछु मीठगर, प्रीत हमर संदेश।
नमन हे पावन मिथिला देश।।

जग जननी सीता केर जननी, सकल जगत मे नाम।
जतय अयोध्या सँ मोहित भऽ, आयल दुल्हा राम।
उगना बनिकय दौड़ल आयल, मिथिला स्वयं महेश।
नमन हे पावन मिथिला देश।।

स्वाभिमान सँ भरल अयाची, भेल कतेक विद्वान।
विद्यापति, मंडन केर धरती, बाँटल सगरो ज्ञान।
तंत्र मंत्र केर धरती मिथिला, गुरूकुल सम परिवेश।
नमन हे पावन मिथिला देश।।

पान, मखानक ई धरती छी, उपजय सगरो नीक।
लोक-वेद मिथिला-यश गाबथि, जिनका लागल ठीक।
ईश - प्रार्थना रहय नहि किनको, कहियो सुमन कलेश।
नमन हे पावन मिथिला देश।।

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