समय के सँग मे डेग बढ़ाबी, तखने जीयब शान सँ
किछु ऊपर सँ रोज कमाबी, तखने जीयब शान सँ
काका, काकी, पिसा, पिसी, रिश्ता भेल पुरान यौ
कहुना हुनका दूर भगाबी, तखने जीयब शान सँ
सठिया गेला बूढ़ लोक सब, हुनका बातक मोल की
हुनको नवका पाठ पढ़ाबी, तखने जीयब शान सँ
सासुर अप्पन, कनिया, बच्चा, एतबे टा पर ध्यान दियऽ
बाकी सब सँ पिण्ड छोड़ाबी, तखने जीयब शान सँ
मातु-पिता केर चश्मा टूटल, कपड़ा छय सेहो फाटल
कनिया लय नित सोन गढ़ाबी, तखने जीयब शान सँ
पिछड़ल लोक बसय मिथिला मे, धिया-पुता सँ कहियो
अंगरेजी मे रीति सिखाबी, तखने जीयब शान सँ
सुमन दहेजक निन्दा करियो, बस बेटीक वियाह मे
बेटा बेर मे खूब गनाबी, तखने जीयब शान सँ
किछु ऊपर सँ रोज कमाबी, तखने जीयब शान सँ
काका, काकी, पिसा, पिसी, रिश्ता भेल पुरान यौ
कहुना हुनका दूर भगाबी, तखने जीयब शान सँ
सठिया गेला बूढ़ लोक सब, हुनका बातक मोल की
हुनको नवका पाठ पढ़ाबी, तखने जीयब शान सँ
सासुर अप्पन, कनिया, बच्चा, एतबे टा पर ध्यान दियऽ
बाकी सब सँ पिण्ड छोड़ाबी, तखने जीयब शान सँ
मातु-पिता केर चश्मा टूटल, कपड़ा छय सेहो फाटल
कनिया लय नित सोन गढ़ाबी, तखने जीयब शान सँ
पिछड़ल लोक बसय मिथिला मे, धिया-पुता सँ कहियो
अंगरेजी मे रीति सिखाबी, तखने जीयब शान सँ
सुमन दहेजक निन्दा करियो, बस बेटीक वियाह मे
बेटा बेर मे खूब गनाबी, तखने जीयब शान सँ