कत्तेक सुन्दर बात करय छी
पाछाँ सँ आघात करय छी
पाछाँ सँ आघात करय छी
जखनहि स्वार्थ सधल जिनका सँ
तखनहि हुनका कात करय छी
तखनहि हुनका कात करय छी
सगरे देख रहल छी प्रायः
झगड़ा हम बेबात करय छी
टाका सबटा गेल दहेजे
डीह बेचि बरियात करय छी
कनिको दुख नहि सुमन हृदय मे
जतबय अछि औकात करय छी
जखनहि स्वार्थ सधल जिनका सँ
ReplyDeleteतखनहि हुनका कात करय छी ........... व्यवहार परक, बहुत नीक ।