Sunday, November 10, 2024

अनेरो गिरगिट अछि बदनाम

हमर  बदलि गेल रंग - ढंग सब, बदलल मिथिला-धाम।
सियाराम  सँ   छाँटि   सिया  केँ,  बाजय  छी  श्री राम।
अनेरो गिरगिट अछि बदनाम।।

भारत के  छः टा दर्शन  मे, चारि  लिखायल मिथिला मे। 
तंत्र - मंत्र  आध्यात्मक नगरी, कोना हेरायल मिथिला मे?
दिल्ली - पटना  सब दिन  ठगलक, भोगय छी परिणाम। 
अनेरो गिरगिट -----

जे  किछु विद्यालय  सरकरी, हालत  बिल्कुल खस्ता छै। 
हरेक साल  हम  बाढ़ि मे डूबी, लोकक जीवन सस्ता छै।
लोक - जागरण  सँ  शासन   पर,  संभव  लगय  लगाम।
अनेरो गिरगिट -----

हर कारण के करू निवारण, कियै बिसरलहुँ मूल कतय?
जौं सचेत छी सुमन जगत मे, देखियौ अप्पन भूल कतय?
राम - राज्य लय राम  सँ  पहिने,  जोड़ब  सिया के नाम। 
अनेरो गिरगिट -----

No comments:

Post a Comment