कियो कहय अखरोट अहाँ छी
बेसी लोक बजथि कनिया सँ
हम दुबरायल मोट अहाँ छी
सब बुधियार, पैघ हमरा सँ
कोना कहब कि छोट अहाँ छी
चलन बन्द पर मानय छी हम
दू हजार के नोट अहाँ छी
ध्यान दियौ अपना ताकत पर
नेता खातिर वोट अहाँ छी
महिला कहथि पुरुष सँ अक्सर
हमर लाज के ओट अहाँ छी
आब कहय छथि लोक सुमन केँ
बहुत पुरनका कोट अहाँ छी
सादर
श्यामल सुमन
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