Saturday, March 24, 2012

ठेहुन छुबि प्रणाम देखय छी

दूर बहुत, पर गाम देखय छी
भेल बहुत बदनाम देखय छी

काली-पूजा, फगुआ, छूटल
दारू के परिणाम देखय छी

बापक कान्ह कोदारि सदरिखन
बेटा केर आराम देखय छी

कष्ट झुकय मे नवतुरिया केँ
ठेहुन छुबि प्रणाम देखय छी

अपनापन के बात निपत्ता
घर घर मे संग्राम देखय छी

धन के अर्जन घूसखोरी सँ
हुनके बड़का नाम देखय छी

सुमन सुधारक आशा टूटल
तखनहि केवल राम देखय छी

3 comments:

  1. राम तेरी गंगा मैली
    घर घर देखों लड़ाई की थैली

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  2. बापक कान्ह कोदारि सदरिखन
    बेटा केर आराम देखय छी
    कष्ट झुकय मे नवतुरिया केँ
    ठेहुन छुबि प्रणाम देखय छी
    अपनापन के बात निपत्ता
    घर घर मे संग्राम देखय छी
    घर घर की तेरी मेरी कहानी | बड नीक छै

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