भेट जाय भगवान किंचित्, की भेटत इन्सान यौ
मुँह सँ जे लोक अप्पन, मोन सँ बेईमान यौ
एक दोसर बात पर, विश्वास, कोना, के करत
छोड़ि दियऽ बात आनक, प्रश्न मे सन्तान यौ
बल जाबत छल, कमेलहुँ, धन अरजलहुँ पुत्र लय
आय छी बनिकय उपेक्षित, अपने घर मेहमान यौ
काज आजुक जेहेन हम्मर, भाग्य निर्धारित तेहेन
सूत्र जीवन के बिसरिकय, कोन ठाँ अछि ध्यान यौ
नीति जेहेन, तेहने नीयत, वो नियति केर मूल छी
हमहुँ जीबि, लोक जीबय, ई सुमन अरमान यौ
मुँह सँ जे लोक अप्पन, मोन सँ बेईमान यौ
एक दोसर बात पर, विश्वास, कोना, के करत
छोड़ि दियऽ बात आनक, प्रश्न मे सन्तान यौ
बल जाबत छल, कमेलहुँ, धन अरजलहुँ पुत्र लय
आय छी बनिकय उपेक्षित, अपने घर मेहमान यौ
काज आजुक जेहेन हम्मर, भाग्य निर्धारित तेहेन
सूत्र जीवन के बिसरिकय, कोन ठाँ अछि ध्यान यौ
नीति जेहेन, तेहने नीयत, वो नियति केर मूल छी
हमहुँ जीबि, लोक जीबय, ई सुमन अरमान यौ
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