धिया - पुता देखिकय आनन्द भऽ गेलहुँ
लड्डू नहि जिलेबी कलाकन्द भऽ गेलहुँ
केहेन सहज मुख पर मुस्कान छै
छन मे झगड़ा छनहि मिलान छै
तीरथ - बेरागन व्यर्थ करय छी
सद्यः धिया-पुता सोझाँ भगवान छै
हँसी - खुशी देखिकय बुलन्द भऽ गेलहुँ
लड्डू नहि जिलेबी कलाकन्द भऽ गेलहुँ
बनि कियो इन्जन रेल चलाबय
कियो फूँक मारय पीपही बजाबय
बिनु पैसा के हँसि - हँसि घूमय
छन कलकत्ता दिल्ली पहुँचाबय
बच्चा सँग लागय जुगलबन्द भऽ गेलहुँ
लड्डू नहि जिलेबी कलाकन्द भऽ गेलहुँ
कियो जोर खसलय कियो जोर हँसलय
कियो ठेलि देलकय कहुना सम्हरलय
देखलहुँ निश्छल रूप मनोहर
सुमन अपन सब कष्ट बिसरलय
भेल मोन साफ शकरकन्द भऽ गेलहुँ
लड्डू नहि जिलेबी कलाकन्द भऽ गेलहुँ
तीरथ बेरागन लोक करय छथि
ReplyDeleteधिया-पुता सद्यः सोझाँ भगवान छै
हँसी खुशी देखिकय बुलन्द भऽ गेलहुँ
धियापुता का हमारा संसार सदा रहे खुश बहार
bahut hi sunder...
ReplyDeleteaap word verification hata de to com karna aasan hoga....dhanywad
ReplyDelete