Sunday, August 21, 2022

धनिक बनल विद्वान

टाका! छी आजुक भगवान।
पूछत नहि कियो अरजल कोना, की की केलहुँ निदान??
टाका! छी आजुक -----

जिनका सँग  मे  जतबे  टाका, ओतबे लोक महान।
लोभक  कारण सब हुनके सँ, बढ़ाऽ रहल पहचान।।
टाका! छी आजुक -----

घर  भेटल  कम्मे  दुनिया  मे, सगरो  भेटल  मकान।
पढ़ल लिखल विद्वान कात मे, धनिक बनल विद्वान।।
टाका! छी आजुक -----

दूर  सत्य  सँ  लोक - वेद जौं, कानथि बैसि सुजान।
हँसी छी ओढ़ल मुदा हेरायल, सुमन सहज मुस्कान।।
टाका! छी आजुक -----

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