आऊर देत नया पहचान, जे गामक नाम करत।।
शुरुआती दिन केर मुखिया, दुख दूर केलन्हिं जे दुखिया।
फेर चलन बदलि गेल एहेन, मुखिया के सँगी सुखिया।।
पहिने सन लौटय शान, जे गामक नाम करत।
हम चुनबय -----
अछि असल जरूरत जिनका, हो मदद उचितन हुनका।
लगुआ भगुआ केँ लागय, किछु समय समय पर ठुनका।
फेर निकलत नीक निदान, जे गामक नाम करत।
हम चुनबय -----
हो सोच मे जिनका शिक्षा, नैतिक मूल्यक हो दीक्षा।
आ स्वास्थ्य केन्द्र मे डाक्टर, करय रोगक नित्य परीक्षा।
अछि सब सुमनक अरमान, जे गामक नाम करत।
हम चुनबय -----
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