हुनक स्वागत, आगमन मे, हम प्रतीक्षित ठाढ़ छी
भेद केलन्हिं जे स्वजन मे, हम प्रतीक्षित ठाढ़ छी
गाम केर हर वर्ण मे छल, आत्मिक संबंध यौ
आय आपस केर जलन मे, हम प्रतीक्षित ठाढ़ छी
आदमियत केर बिना छथि, आदमी लागल एखन
एक दोसर केर दमन मे, हम प्रतीक्षित ठाढ़ छी
गाम सँग परिवार टूटल, विश्व - ग्रामक मोह मे
मस्त सब अपने भजन मे, हम प्रतीक्षित ठाढ़ छी
प्रेम आपस मे जौं बाँचत, ई जगत सुन्दर रहत
नित सुमन लागल जतन मे, हम प्रतीक्षित ठाढ़ छी
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