आपसी सहयोग केर गप, हम करय छी राति दिन
पानि, तेलक मेल एहेन, सँग रहय छी राति दिन
सँग सीता केर भेटल तऽ, राम पूजित विश्व मे
आय सीता केर उपेक्षा, हम देखय छी राति दिन
मीठ बोली, ज्ञान अर्जन, अछि हमर पहचान यौ
वो छुटल बस ताहि कारण, दुख सहय छी राति दिन
ज्ञान केर सम्मान तखने, लोक हित मे काज हो
लोक बड़का बनिकय स्वारथ, मे बहय छी राति दिन
आचरण, कारण सुमन जे, याद किनको हम करी
दोष देखिकय आँखि अप्पन, हम मुनय छी राति दिन
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