अहाँ चानन
स्वयं हम सलिल
नीक मिलन
आँखि मिलल
बुझि ह्रदय-भाव
की सोचय छी?
अंग लगाऊ
बात मोनक खास
करू प्रयास
छी डरपोक
दियऽ नव हौसला
करू फैसला
सुमन व्यथा
कुसुमित जीवन
नूतन कथा
स्वयं हम सलिल
नीक मिलन
आँखि मिलल
बुझि ह्रदय-भाव
की सोचय छी?
अंग लगाऊ
बात मोनक खास
करू प्रयास
छी डरपोक
दियऽ नव हौसला
करू फैसला
सुमन व्यथा
कुसुमित जीवन
नूतन कथा
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