भरल हाथ मे रंग-गुलाल,
सोझाँ मे अछि सुन्दर गाल,
मोन करैया कऽ दी लाल।
कोना जानितो इजोरिया भगाबी, कि मुखड़ा पर चान देखलहुँ।।
झालि, मजीरा बाजय ढ़ोल,
गारि लगय अछि मीठगर बोल,
बिना पानि के मचल किलोल।
कोना प्रियतम के संगे नहाबी कि मुखड़ा पर चान देखलहुँ।।
जागू सजनी भऽ गेल भोर,
गली गली मे मचलय शोर,
खेलब फाग बहुत घनघोर।
कोना जा कऽ सुमन केँ जगाबी कि मुखड़ा पर चान देखलहुँ।।
पहिली बार भोजपुरी के ब्लॉग मा आयेन,बड़ा नीक लाग !
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