टाका! छी आजुक भगवान।
पूछत क्यो नहि कोना अरजल, की की केलहुँ निदान।।
टाका! छी आजुक -----
जत्तेक टाका पास मे जिनका, ओतबे लोक महान।
ई कारण जे सब हुनके सँ, बनाऽ रहल पहचान।।
टाका! छी आजुक -----
ताकय छी घर भेटल कम्मे, सगरो भेटल मकान।
पढ़ल लिखल विद्वान कात मे, धनिक बनल विद्वान।।
टाका! छी आजुक -----
दूर सत्य सँ हम सब भेलहुँ, कानथि बैसि सुजान।
हँसी ओढ़लहुँ मुदा हेरायल, सुमन सहज मुस्कान।।
टाका! छी आजुक -----
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