Sunday, August 21, 2022

नूतन रोज विचार बनाबी

चलू, नया संसार बनाबी
दुश्मन तक केँ यार बनाबी

सिकुड़ि रहल अपनापन देखू
किछुओ किछ विस्तार बनाबी

अप्पन दोषक नित्य परीक्षण
दोसर केँ बुधियार बनाबी

छोड़ू अनुभव तीत-मीठ के
नूतन रोज विचार बनाबी

दया सँ बेसी प्रेम जरूरी
बस प्रेमक आधार बनाबी 

भ्रमवश छोट बुझि किनको पर
कहियो नहि अधिकार बनाबी

बच्चा सहित सुमन परिजन पर
नित्य नित्य बस प्यार बनाबी

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