अप्पन प्रश्न उठायब पहिने, हम शासक सँ बात करब
हुनक निकम्मापन पर चिकरब, कानूनन उत्पात करब
देश, प्रदेश या गामक शासक, किनका लोकक चिन्ता छै?
निज सुविधा अर्जन मे शासक, ओकरे पर आघात करब
सेवक लोक चुनय छथि जिनका, वो बुझय शासक बनलहुँ
हुनका रस्ता पर आनय लय, बिन मौसम बरसात करब
जाति, धरम आ गोत्र, मूल मे, बाँटल छी हम साजिश मे
एहि बन्धन केँ तोड़य खातिर, साझा रोटी, भात करब
सुविधा, शिक्षा, स्वास्थ लोक केँ, भेटय ई कोशिश रहतय
आजीवन संघर्ष सुमन केर, जत्तेक अछि औकात करब
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