Sunday, August 21, 2022

राम खेत मे, खरिहानो मे

राम खेत मे, खरिहानो मे, अहाँ घुमय छी मंदिर मे।
संत-वचन ओ घट घट वासी, कियै तकय छी मंदिर मे?

राम नाम हम सब बाजय छी, भेल अधर्मक राज कोना?
नीति धरम के रस्ता पर हम, सोचू करबय काज कोना?
काज छोड़िकय काशी, मथुरा, हम भटकय छी मंदिर मे!
राम खेत में -----

बिना आचरण, भक्ति-भाव के, पहिरल सगरे खोल भेटय।
जग मे केवल जन-सेवा सँ, भक्ति-भाव केर मोल भेटय।
समय के सँग सँग टाका, पैसा, व्यर्थ करय छी मंदिर मे।
राम खेत मे -----

विद्या के मंदिर जर्जर अछि, मंदिर के श्रृंगार एतय।
किछु दिन हाल रहत जौं एहेने, बनत सुमन ई भार एतय।
लोक-जागरण केन्द्र छी मंदिर, हम जगबय छी मंदिर मे।
राम खेत मे -----

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